tag:blogger.com,1999:blog-575969912833785596.post8598183227959948506..comments2024-02-07T18:55:59.720+05:30Comments on यही है ज़िंदगी: माण्डू–सिटी ऑफ जॉय (पहला भाग)Dr. Brajesh Kumar Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05368113302282592221noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-575969912833785596.post-14432051013341640892018-06-19T14:50:10.496+05:302018-06-19T14:50:10.496+05:30आपको खुशी हुई यह जानकर अच्छा लगा। वैसे यात्रा में ...आपको खुशी हुई यह जानकर अच्छा लगा। वैसे यात्रा में थोड़ी बहुत दिक्कतें तो होती ही हैं।<br />Dr. Brajesh Kumar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05368113302282592221noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-575969912833785596.post-70364173929173201582018-06-18T22:06:01.757+05:302018-06-18T22:06:01.757+05:30आपके ब्लॉग पीकर सेंधवा का नाम पढ़कर अच्छा लगा...में...आपके ब्लॉग पीकर सेंधवा का नाम पढ़कर अच्छा लगा...में सेंधवा से हु..आपको बस से मांडू जाने में काफी दिक्कत हुई...बढ़िया वर्णन और बढ़िया पोस्टPratik Gandhihttps://www.blogger.com/profile/07320868028206324587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-575969912833785596.post-38115603551379370142018-06-18T20:46:22.126+05:302018-06-18T20:46:22.126+05:30धन्यवाद बड़े भाई। मैं तो वैसे सूखे मौसम में माण्डू...धन्यवाद बड़े भाई। मैं तो वैसे सूखे मौसम में माण्डू गया था फिर भी मुझे माण्डू बहुत सुंदर लगा। रानी रूपमती के महल से नीचे घाटियों में तब भी धुंध दिखाई दे रही थी। माण्डू में एक घुमक्कड़ के लिए बहुत कुछ है– माण्डू का रोचक इतिहास है,सुंदर भूगोल है। हिमालय के पहाड़ों में अवस्थित न होने के बावजूद भी माण्डू बहुत सुंदर है। यहाँ घुमक्कड़ों को परेशान करनी वाली भीड़ नहीं है। मैं ताे यहाँ बार–बार जाना चाहूँगा।Dr. Brajesh Kumar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05368113302282592221noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-575969912833785596.post-83113347375833600512018-06-18T17:22:30.394+05:302018-06-18T17:22:30.394+05:30बरसात में मांडू वास्तव में बहुत खूबसूरत हो जाता है...बरसात में मांडू वास्तव में बहुत खूबसूरत हो जाता है । मैं अगस्त 2012 में मांडू गया था, हरियाली बहुत ही मनमोहक थी । हरियाली में नीलकंठ मंदिर से खूबसूरती चरम पर होती है । रानी रूपमती महल से धुन्ध का नजारा दिल चुराने वाला होता है । और जब जहाज महल के दोनों कुंड भरने पर वह सचमुच समंदर में खड़ा जहाज लगता है । आपके यात्रा वृतांत को पढ़कर पुरानी यादें ताजा हो गयी ।मुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-575969912833785596.post-27163176044412273132018-06-16T10:05:14.984+05:302018-06-16T10:05:14.984+05:30बहुत बहुत धन्यवाद जी इस सम्मान के लिए.बहुत बहुत धन्यवाद जी इस सम्मान के लिए.Dr. Brajesh Kumar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05368113302282592221noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-575969912833785596.post-51051653977711463532018-06-15T22:06:50.058+05:302018-06-15T22:06:50.058+05:30आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन जन्म दिवस - अभिनेत्...आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन <a href="https://bulletinofblog.blogspot.com/2018/06/suraiya-89th-birthanniversary.html" rel="nofollow">जन्म दिवस - अभिनेत्री सुरैया और ब्लॉग बुलेटिन</a> में शामिल किया गया है। <b>कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।</b>HARSHVARDHAN https://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com