प्राकृतिक रूप से निर्मित जलपूर्ण गर्त को झील कहते हैं। भारत में झीलों की संख्या अधिक नहीं है। भारत के हिमालयी क्षेत्र में अन्य पर्वतीय प्रदेशों के तुलना में कम झीलें पायी जाती हैं। झीलों का निर्माण अनेक कारणों से होता है। भारत की झीलें निम्न वर्गों में रखी जा सकती हैं–
1. विवर्तनिक झीलें– पृथ्वी के भीतर भूगर्भिक क्रियाएँ होने से भूपटल में भ्रंश या दरारें उत्पन्न हो जाती हैं और गर्ताें का निर्माण हो जाता है। इन गर्ताें में जल भर जाने पर विवर्तनिक झीलों का निर्माण होता है। उत्तराखण्ड के कुमाऊँ तथा कश्मीर में इस तरह की कई झीलें पायी जाती हैं। कश्मीर की वूलर तथा उत्तराखण्ड की नैनीताल,भीमताल,नौकुचियाताल ऐसी ही झीलें हैं।