Friday, January 17, 2020

तटीय मैदान और द्वीप समूह (2)

भारत के द्वीप समूह

भारत में कुल 247 द्वीप पाए जाते हैं जिनमें से 204 बंगाल की खाड़ी और 43 अरब सागर में मिलते हैं। अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी का सर्वप्रमुख द्वीप समूह है जो विवर्तनिक या ज्वालामुखी क्रियाओं से बने हैं। इनकी समु्द्रतल से ऊॅंचाई 750 मीटर तक पाई जाती है। बंगाल की खाड़ी के द्वीप इसी प्रक्रिया से बने हैं जबकि अरब सागर के द्वीप प्रवाल या मूँगे की चट्टानों से निर्मित हैं। इन द्वीपों में से कुछ द्वीप तट के निकट पाए जाते हैं जबकि कुछ तट से काफी दूर पाए जाते हैं। तट से 1 से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित द्वीपों को निकटवर्ती द्वीप की श्रेणी में रखा जाता है जबकि 5 किलामीटर से अधिक दूरी पर स्थित द्वीपों को सुदूरवर्ती द्वीप की श्रेणी में रखा जाता है।


अरब सागर के द्वीप– ये द्वीप कच्छ की खाड़ी से लेकर कुमारी अन्तरीप तक फैले हुए हैं। अरब सागर में कुल 43 द्वीप हैं जिनमें से 10 पर मानव निवास पाया जाता है।

1. निकटवर्ती द्वीप– काठियावाड़ के पूर्वी और दक्षिणी तट के निकट कई चट्टानी द्वीप मिलते हैं। चट्टानी द्वीपों के अतिरिक्त बालू मिट्टी या काँप मिट्टी से निर्मित कुछ द्वीप भी मिलते हैं। काठियावाड़ के पूरब खम्भात की खाड़ी में पिरम और भौंसला द्वीप स्थित हैं। खम्भात की खाड़ी में ही गुजरात तट के दक्षिण में,काँप निर्मित दीव द्वीप अवस्थित है जो 12 किलोमीटर लम्बा है। कच्छ की खाड़ी में बेट द्वारका,नोरा,वैदा,पिर्तन,कालूभार द्वीप मिलते हैं। ये सभी काँप निर्मित द्वीप हैं। नर्मदा और ताप्ती के मुहाने पर अलियाबेट और खड़ियाबेट द्वीप स्‍थित हैं। ये भी बालू मिट्टी या काँप निर्मित द्वीप हैं। मुम्बई के निकट हैनरे और कैनरे तथा मुम्बई और मुख्य भूमि के बीच बुचर द्वीप,एलीफैण्टा,करंजा और क्रास द्वीप स्थित हैं। एलीफैण्टा और रत्नागिरि के बीच द्वीपों का अभाव पाया जाता है। मंगलौर तट के पास भटकल,पिजनकॉक और सेंट मेरी द्वीप अवस्थित हैं। यलवान बन्दरगाह के पास 12 द्वीप पाए जाते हैं जिनमें से एक 14 वर्ग किलोमीटर के आकार का है।

2. सुदूरवर्ती द्वीप– अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप सुदूरवर्ती द्वीप है। यह कई द्वीपों का समूह है जिसमें लक्षद्वीप,मिनीकाय और अमीनीदीव प्रमुख हैं। लक्षद्वीप का अर्थ एक लाख द्वीप होता है। यह द्वीप समूह भारत के पश्चिमी तट से 200 से 300 किलोमीटर की दूरी पर 8 अंश से 12 अंश उत्तरी अक्षांश व 71 अंश 40 मिनट से 74 अंश पूर्वी देशान्तरों के मध्य फैला हुआ है। इस द्वीप समूह का क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर है जिसमें लक्षद्वीप सबसे बड़ा द्वीप है। कवरत्ती यहाँ की राजधानी है। अमीनदीव सबसे छोटा द्वीप है। मिनीकाय सर्वाधिक दक्षिण में स्थित है। ये सभी द्वीप प्रवाल निर्मित हैं। यहाँ नारियल के वृक्ष बहुतायत से पाए जाते हैं।

बंगाल की खाड़ी के द्वीप– बंगाल की खाड़ी के द्वीपों को भी निकटवर्ती और सुदूरवर्ती में बाँटा जा सकता है–

1. तटवर्ती द्वीप– बंगाल की खाड़ी में सर्वाधिक तटवर्ती द्वीप गंगा के डेल्टाई क्षेत्र में पाए जाते हैं। यहाँ नदियों द्वारा लायी गयी काँप मिट्टी का जमाव होने से कई द्वीपों का निर्माण हुआ है। हुगली के सामने 20 किलोमीटर लम्बा सागर द्वीप अवस्थित है जिसे गंगासागर  के नाम से भी जाना जाता है। दक्षिणी चौबीस परगना के कटे–फटे तट के सामने महाद्वीपीय मग्नतट पर फैले कई द्वीप पाये जाते हैं। न्यू मूर भी ऐसा ही एक द्वीप है। महानदी और ब्राह्मणी नदियों के डेल्टा क्षेत्र में कुछ छोटे–छोटे द्वीप मिलते हैं। गोदावरी,कृष्णा और कावेरी नदियों के डेल्टाई क्षेत्रों में ऐसे द्वीप नहीं दिखाई पड़ते। भारत और श्रीलंका के बीच मन्नार की खाड़ी में पंबन द्वीप प्रमुख है। यह आदम के पुल के नाम से प्रसिद्ध संरचना का ही एक अंश है। यह चट्टानी धरातल वाला द्वीप है जो रामनाथपुरम  जिले के अन्तर्गत आता है। पंबन और रामनाथपुरम के बीच एक पुल बना हुआ है जो दोनों को जोड़ता है। धनुषकोटि से दक्षिण की ओर मन्नार की खाड़ी में 10 द्वीप पाये जाते हैं जो तट से औसतन 7 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित हैं। ये सँकरे और नीचे धरातल वाले द्वीप हैं। आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु की सीमा पर पुलीकट झील  के पास श्रीहरिकोटा द्वीप  भी उल्लेखनीय है। यह 50 किलोमीटर लम्बा है। तूतीकोरिन से 4 किलाेमीटर की दूरी पर स्थित हेयर द्वीप  एक प्रवाल निर्मित द्वीप है।

2. सुदूरवर्ती द्वीप– बंगाल की खाड़ी के मुख्य द्वीपों में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह आते हैं। ये द्वीप समूह 6 अंश 30 मिनट से 13 अंश 45 मिनट उ0 अक्षांश और 92 अंश 10 मिनट से 94 अंश 15 मिनट पूर्वी देशान्तरों के मध्य विस्तृत है। दस डिग्री चैनल,अण्डमान और निकोबार द्वीप समूहों को एक दूसरे से पृथक करता है। भारतीय मुख्य भूमि अर्थात बंगाल की खाड़ी के शीर्ष से अण्डमान द्वीप समूह की न्यूनतम दूरी लगभग 2000 किलोमीटर है। अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह का सर्वाधिक दक्षिणी बिन्दु इन्दिरा प्वाइण्ट है जो ग्रेट निकोबार द्वीप पर स्थित है।
अण्डमान द्वीप समूह  उत्तर से दक्षिण तक लगभग 300 किलोमीटर की लम्बाई में विस्तृत हैं और इसके अन्तर्गत उत्तरी अण्डमान,मध्य अण्डमान,दक्षिणी अण्डमान और लघु अण्डमान मुख्य द्वीप हैं। उत्तरी अण्डमान द्वीप समूह पर मध्यम ऊँचाई की श्रेणियाँ और सँकरी घाटियाँ पाई जाती हैं। मध्य और दक्षिणी अण्डमान का धरातल अपेक्षाकृत समतल है। केवल किनारों पर कुछ ऊँचा है। इन द्वीपों का पूर्वी भाग पश्चिमी भाग की तुलना में अधिक ऊँचा है। इन द्वीपों के पश्चिमी तट पर प्रवाल निर्मित चट्टानें मिलती हैं जो तट से 32 किलोमीटर तक फैली हुई हैं। अण्डमान द्वीप समूह 8300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले हुए हैं। इनके किनारे काफी कटे–फटे हैं।
निकोबार द्वीप समूह  अण्डमान द्वीप समूह के लघु अण्डमान से,10 डिग्री चैनल से अलग होता है। इस द्वीप समूह में 19 द्वीप पाए जाते हैं जिनमें से 11 पर मानव बसाव मिलता है। उत्तरी भाग कार निकोबार कहलाता है जो 168 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल् में फैला हुआ है जबकि दक्षिणी भाग ग्रेट निकोबार कहलाता है जो 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। कार निकोबार के दक्षिण में तिलानचोंग,चनूम्ता,टैरेसा,कमोर्ता,कचाल,नान करोडी और ट्रिकेंट द्वीप स्थित हैं। इन द्वीपों के दक्षिण और ग्रेट निकोबार के उत्तर में छोटा निकोबार द्वीप अवस्थित है। सोमबरैरो चैनल छोटा निकोबार और ग्रेट निकोबार को अलग करता है। ग्रेट निकोबार इस द्वीप समूह का सबसे बड़ा द्वीप है जिसका क्षेत्रफल 862 वर्ग किलोमीटर है।

ऐसा माना जाता है कि अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह,समूद्र में निमग्न उस पर्वत श्रेणी की ऊपर उठी हुई चोटियाँ हैं जो कभी अराकानयोमा पहाड़ियों को,सुमात्रा द्वीप की मध्यवर्ती श्रेणियों से मिलाती थीं। इस द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। पोर्ट ब्लेयर के उत्तर–पूर्व में बैरेन और नरकोंडम नामक दो ज्वालामुखी द्वीप पाए जाते हैं। 1991 में 10 अप्रैल को बैरेन द्वीप पर लगभग 200 वर्षाें के बाद ज्वालामुखी से लावा का उद्गार हुआ था। अण्डमान और निकोबार द्वीप समूहों की जलवायु पूरे वर्ष गर्म उष्टकटिबंधीय प्रकार की रहती है। साथ ही यहाँ दो मानसून क्रम पाए जाते हैं जो मध्य मई से मध्य सितंबर और नवंबर से मध्य दिसंबर तक चलते हैं। इस दौरान यहाँ भारी वर्षा होती है। यहाँ का औसत तापमान 35 डिग्री सेण्टीग्रेड तक होता है लेकिन सागरीय हवाओं के कारण यह नियंत्रण में रहता है। यहाँ घने वन भी पाए जाते हैं। तटों पर समुद्री जीव–जंतुओं की बहुत सारी प्रजातियाँ मिलती हैं। यहाँ पाए जाने वाले पक्षियों की 242 प्रजातियों की खोज की जा चुकी है। इस द्वीप समूह की मुख्य फसल चावल है। नारियल और सुपारी यहाँ की नकदी फसलें हैं। अनन्नास,केला,पपीता और आम जैसे उष्णकटिबन्धीय फलों की भी यहाँ खेती की जाती है। अण्डमान और निकोबार द्वीप समूहों के वर्तमान निवासी बांग्लादेश,म्यांमार,श्रीलंका और भारत से आकर बसे हुए लोग हैं। ओंग,जरावा और सेंटीनलीज,अण्डमान और निकोबार द्वीप समूहों पर बची हुई मूल जनजातियाँ हैं। दक्षिणी अण्डमान और ग्रेट निकोबार में स्थित वांडूर समुद्री जैवमण्डलीय प्रारक्षित क्षेत्र  विश्व के सबसे बड़े और दुर्लभ "जाइंट राॅबर केकड़े" (Giant Robber Crab) के लिए विश्वप्रसिद्ध है। यह केकड़ा न केवल नारियल के पेड़ पर चढ़ जाता है बल्कि अपने शक्तिशाली पंजों से इसके फल को तोड़कर इसका फल भी खा जाता है।








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