Friday, December 27, 2019

उत्तरी मैदानी प्रदेश (2)

मैदानी प्रदेश का प्रादेशिक विभाजन–
भारत का मैदानी प्रदेश एक विशाल भूभाग है। इसकी क्षेत्रीय विशेषताओं को ठीक से समझने के लिए इसे छोटे भागों में विभाजित किया जाता है। ये भाग निम्नवत हैं–
1. राजस्थान का मैदान
2. पंजाब–हरियाणा का मैदान
3. गंगा का मैदान
4. ब्रह्मपुत्र का मैदान

राजस्थान का मैदान– इसे भारतीय मरूस्थल के नाम से भी जाना जाता है।

Friday, December 20, 2019

उत्तरी मैदानी भाग (1)

उत्तरी मैदानी प्रदेश

हिमालय के दक्षिण में उसी के समानान्तर विशाल मैदानी प्रदेश फैला हुआ है। यह मैदानी प्रदेश हिमालय और दक्षिण के पठारी प्रदेश को एक दूसरे से अलग करता है। इस विशाल मैदान की उत्पत्ति हिमालय की उत्पत्ति के बाद हुई है। इस तरह भूगर्भिक दृष्टिकोण से यह नवीनतम भू–भाग है। इस मैदान का निर्माण करने वाली मुख्य नदियाँ सिन्धु,गंगा और ब्रह्मपुत्र हैं। इन मुख्य नदियों और इनकी सहायक नदियों ने एक लम्बे समयान्तराल में अवसादों का निक्षेप करके इस मैदान का निर्माण किया है और यह प्रक्रिया आज भी जारी है। प्रशासनिक दृष्टि से इस मैदान का एक बड़ा भाग पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी पाया जाता है।

Friday, December 13, 2019

प्रायद्वीपीय पठारी भाग (2)

अरावली पहाड़ियाँ– यह भारत की प्राचीनतम वास्तविक (वलित) पर्वत श्रेणी है। यह श्रेणी थार मरूस्थल की पूर्वी सीमा पर अहमदाबाद के निकट,नर्मदा नदी के तट से प्रारम्भ होकर उत्तर–पूर्व दिशा में दिल्ली के दक्षिण–पश्चिम तक,लगभग 800 किलोमीटर की लम्बाई में फैली हुई हैं। उत्तर–पूर्व की ओर इस श्रेणी की ऊँचाई और चौड़ाई क्रमशः घटती जाती है और दिल्ली के पास यह छोटे–छोटे टीलों के रूप में रह जाती है। इसकी औसत ऊँचाई 300 से 900 मीटर के बीच है। दक्षिण की ओर गुजरात में यह विदीर्ण पठार के सदृश दिखती है परन्तु उत्तर की ओर राजस्थान में यह स्पष्ट पर्वत श्रेणियों की तरह से दिखती है।

Friday, December 6, 2019

प्रायद्वीपीय पठारी भाग (1)

भारत भूमि का सर्वाधिक प्राचीन खण्ड प्रायद्वीपीय पठारी भाग है जो लगभग 16 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस तरह यह पठारी भाग भारत के कुल क्षेत्रफल के लगभग आधे भाग में दक्षिणी–पूर्वी राजस्थान,मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़,झारखण्ड,ओडिशा,महाराष्ट्र,गुजरात,कर्नाटक,आन्ध्र प्रदेश,तेलंगाना,केरल,तमिलनाडु इत्यादि राज्यों में विस्तृत है। भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्र के समरूप यह पठारी भाग भी त्रिभुजाकार रूप में फैला है जिसका शीर्ष दक्षिण की ओर और आधार उत्तर की ओर है। प्राकृतिक दृष्टि से इसकी उत्तरी सीमा पर अरावली,कैमूर और राजमहल की पहाड़ियाँ स्थित हैं।
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