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अगले दिन सुबह उठने में देर हो गयी। यह देरी बाइक से यात्रा करने के नियम के विरूद्ध है। गर्मी के दिनों में बाइक की यात्रा सुबह जल्दी शुरू हो जानी चाहिए। मुझे होटल से निकलने में 8 बज गये। आज के मेरे गंतव्य पूर्व–निर्धारित थे– लौरिया अरेराज और रामपुरवा का अशोक स्तम्भ एवं केसरिया का स्तूप। अरेराज के अशोक स्तम्भ और केसरिया के स्तूप के बारे में तो मुझे कुछ–कुछ पता था लेकिन रामपुरवा की तो मुझे लोकेशन ही नहीं पता थी कि ये है कहाँ? इसके बारे में कोई बताने वाला भी अब तक नहीं मिला था। पूछताछ करने पर इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी। लेकिन मुझे जाना था,इतना पूरी तरह सुनिश्चित था। मुझे एक संक्षिप्त सी सूचना अवश्य मिली थी। कल जब मैं लौरिया नंदनगढ़ में अशोक स्तम्भ के पास से लाैट रहा तो मुझे नरकटियागंज जाने वाली सड़क पर एक बोर्ड दिखा था जिस पर भितिहरवा स्तम्भ लेख और रामपुरवा का नाम लिखा दिखायी पड़ा था। बस इसी को आधार बना कर,गूगल मैप के सहारे निकल पड़ा।