छठा दिन–
आज मेरी इस यात्रा का छठा और अन्तिम दिन था। रात में झाँसी से मुझे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस पकड़नी थी। इस यात्रा का मेरा अन्तिम पड़ाव था– दतिया। यहाँ आने से पहले मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि दतिया जाऊँगा लेकिन पीताम्बरा पीठ तथा वीर सिंह पैलेस का आकर्षण मुझे यहाँ खींच लाया। सुबह 7 बजे होटल से चेकआउट करके अपना बैग मैंने होटल में ही जमा कर दिया और झाँसी बस स्टेशन के लिए निकल पड़ा। दतिया के लिए मुझे बस मिली 7.45 पर। 30 किमी की दूरी लगभग एक घण्टे में पूरी हो गयी। दतिया का बस स्टेशन शहर से कुछ बाहर की तरफ ही है। बस से उतर कर मैं पैदल ही चल पड़ा।