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नालंदा से 3 बजे पावापुरी के लिए चला तो आधे घण्टे में पावापुरी के जलमंदिर पहुँच गया। नालंदा के खण्डहरों से इसकी दूरी 15 किमी है। दोनों स्थानों के बीच सीधा रास्ता नहीं है। कई सम्पर्क मार्गाें से होते हुए जाना है। काफी पूछताछ करनी पड़ी। पावापुरी कस्बा पार करने के बाद दूर से ही पावापुरी का जलमंदिर दिखायी पड़ने लगता है। कमल के पत्तों से भरे एक बड़े तालाब में सफेद रंग में चमकता जलमंदिर दूर से ही अपनी भव्यता की कहानी कह रहा था। पावापुरी कस्बा जलमंदिर के पश्चिम की तरफ है जबकि जलमंदिर के उत्तर तरफ पावापुरी गाँव बसा हुआ है।