दूसरा दिन–
मुझे रात में पता चल गया था कि हरिद्वार से बद्रीनाथ के लिए पहली बस 3.15 पर है। मैंने पहले ही तय कर लिया कि इतनी सुबह बस पकड़ना मेरे बस की बात नहीं। वैसे इस पहली बस के बाद भी इस मार्ग पर निजी बस ऑपरेटरों की कई बसें हैं। अन्तिम बस सम्भवतः 8 बजे है। उत्तराखण्ड परिवहन निगम की एकमात्र बस 5.30 बजे है। उत्तराखण्ड परिवहन निगम को पहाड़ सम्भवतः अच्छा नहीं लगता और शायद इसी कारण वह अपनी अधिकांश बसें मैदानी इलाकों में चलाता है। कोई दिल्ली तो कोई चण्डीगढ़। उत्तराखण्ड के अन्दरूनी भागों का जिम्मा निजी बस संचालकों के ही ऊपर है।
मुझे रात में पता चल गया था कि हरिद्वार से बद्रीनाथ के लिए पहली बस 3.15 पर है। मैंने पहले ही तय कर लिया कि इतनी सुबह बस पकड़ना मेरे बस की बात नहीं। वैसे इस पहली बस के बाद भी इस मार्ग पर निजी बस ऑपरेटरों की कई बसें हैं। अन्तिम बस सम्भवतः 8 बजे है। उत्तराखण्ड परिवहन निगम की एकमात्र बस 5.30 बजे है। उत्तराखण्ड परिवहन निगम को पहाड़ सम्भवतः अच्छा नहीं लगता और शायद इसी कारण वह अपनी अधिकांश बसें मैदानी इलाकों में चलाता है। कोई दिल्ली तो कोई चण्डीगढ़। उत्तराखण्ड के अन्दरूनी भागों का जिम्मा निजी बस संचालकों के ही ऊपर है।