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मुझे पहले से ही पता है कि पित्रधार इस ट्रेक का सबसे ऊँचा स्थान है। पनार में मैं 3400 मीटर की ऊँचाई पर था और अभी इससे भी कुछ सौ मीटर ऊपर जाना है। मैं अपने जीवन में पहली बार इतनी ऊँचाई चढ़ने जा रहा हूॅं। मन में रोमांच भी है और कुछ–कुछ डर भी। इसके अलावा डर इस बात का भी है कि मैंने लगभग 1750 मीटर की ऊँचाई से चढ़ाई शुरू की थी और एक ही दिन में इतनी ऊँचाई तय करने जा रहा हूँ। मेरा शरीर एक्लाइमेटाइज हो पायेगा या नहीं– मन में शंका है। लेकिन जुनून अपने चरम पर है।
मुझे पहले से ही पता है कि पित्रधार इस ट्रेक का सबसे ऊँचा स्थान है। पनार में मैं 3400 मीटर की ऊँचाई पर था और अभी इससे भी कुछ सौ मीटर ऊपर जाना है। मैं अपने जीवन में पहली बार इतनी ऊँचाई चढ़ने जा रहा हूॅं। मन में रोमांच भी है और कुछ–कुछ डर भी। इसके अलावा डर इस बात का भी है कि मैंने लगभग 1750 मीटर की ऊँचाई से चढ़ाई शुरू की थी और एक ही दिन में इतनी ऊँचाई तय करने जा रहा हूँ। मेरा शरीर एक्लाइमेटाइज हो पायेगा या नहीं– मन में शंका है। लेकिन जुनून अपने चरम पर है।