सुबह के 5.15 बजे मैं लालगंज से अपने मित्र के घर से रवाना हो गया। मेरी अगली मंजिल थी–बाबा वैद्यनाथ का घर यानी देवघर। लेकिन मंजिल तक पहुँचने से पहले लम्बी यात्रा करनी थी। प्राथमिकता थी कि सुबह के ठण्डे मौसम में जितनी भी अधिक दूरी तय करनी संभव हो,तय हो जाय। उसके बाद तो धूप में जलना ही था। मुझे हाजीपुर व पटना के अलावा दोनों शहरों के बीच गंगा नदी पर बने गाँधी सेतु को भी पार करना था। सुबह के समय भी सड़कों पर काफी ट्रैफिक था जिस कारण स्पीड नहीं बन पा रही थी। गाँधी सेतु पर तो जाम ही लगा था क्योंकि एक तरफ की लेन की मरम्मत चल रही थी।