आॅटो वाले को 20 रूपये चुकाकर मैं 3.15 बजे ओंकारेश्वर में नर्मदा पुल के पहले उतर गया। मोर्टक्का से ओंकारेश्वर बस स्टैण्ड का किराया 10 रूपये है लेकिन शहर में अन्दर जाने के लिए दस रूपये और भुगतना पड़ता है। ऑटो में सवार अन्य लोग पूरी तरह दर्शनार्थी थे और इसी जगह उतरने वाले थे क्योंकि उन्हें नर्मदा में स्नान कर ओंकार जी के दर्शन करना था। ओंकार जी का दर्शन तो मु्झे भी करना था लेकिन मुझे इसके अलावा भी बहुत कुछ देखना सुनना था। इसलिए मैं भी इसी स्थान पर ऑटो से उतरा। ऑटो से उतरने से पहले ही होटल व लॉज वाले गले पड़ना शुरू हो गये थे।
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Friday, June 1, 2018
Friday, August 5, 2016
ओंकारेश्वर–महाकालेश्वर
मेरा यह यात्रा कार्यक्रम कुल छः दिनों का था। 15 अक्टूबर 2009 से 20 अक्टूबर 2009 तक। मेरे मित्र ईश्वर जी भी मेरे साथ थे। हमारा रिजर्वेशन कामायनी एक्सप्रेस,1072 अप में था जो वाराणसी से लाेकमान्य तिलक टर्मिनल को जाती है। वाराणसी से इसका प्रस्थान समय शाम 4 बजे था जबकि हम सुबह 10 बजे ही वाराणसी पहुंच गये थे। सो हमने सोचा कि समय का सदुपयोग कर लिया जाय। वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने से बड़ी चीज क्या हो सकती है इसलिए खाना वगैरह खाया और आराम से टहलते हुए पहुंच गये बाबा के दर पर। पर जब दर्शन की लम्बी लाइन और पण्डों की जोर जबरदस्ती देखी तो मन बिदक गया। डर यह भी था कि कहीं लाइन में बहुत ज्यादा समय लग गया तो ट्रेन छूट जायेगी। प्लान फेल हो गया। हार मानकर गंगा मैया की शरण ली। दशाश्वमेध घाट पर बैठ कर गंगा दर्शन का लाभ लिया और स्टेशन को वापस हो लिये।
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