पृथ्वी पर स्थित किसी भी भाग की भूगर्भिक संरचना से हमें कई तथ्यों की जानकारी प्राप्त होती है। क्योंकि शैलों या चट्टानों की संरचना का मृदाओं और खनिज संसाधनों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। किसी देश की कृषि और उद्योग भी शैलों की संरचना पर आधारित होते हैं। उदाहरण के लिए तलछटों के जमाव से निर्मित अवसादी शैलोें का अपरदन कर जब नदियाँ किसी मैदानी भाग का निर्माण करती हैं तो ऐसी भूमि कृषि के लिए अत्यन्त उपयोगी होती है। जबकि कठाेर प्राचीन शैलों,जिनमें जीवावशेष नहीं पाए जाते,से निर्मित मृदा कृषि के लिए अनुपयोगी होती है।